सूर्य (Surya) का क्या महत्व है
सूर्य (Surya) का क्या महत्व है, वह किस भाव में होने पर क्या फल देता है, और आपकी संतान योग, पिता के साथ संबंध, आत्मबल व सरकारी क्षेत्र में सफलता को कैसे प्रभावित करता है।
???? सूर्य ग्रह का जन्म कुंडली में महत्व (Importance of Surya in Kundli)
1. सूर्य क्या दर्शाता है?
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा (आत्मकारक), पिता, आत्मबल, राजसत्ता, प्रशासन, नेतृत्व, आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा और तेजस्विता का प्रतीक माना गया है। सूर्य की स्थिति यह बताती है कि जातक का व्यक्तित्व कितना प्रभावशाली होगा, उसके जीवन में पिताजी की क्या भूमिका होगी, और वह कितनी सफलता सरकारी या प्रशासनिक क्षेत्र में पाएगा।
सूर्य, नवग्रहों में राजा है। जिस प्रकार राजा सभी पर शासन करता है, उसी प्रकार कुंडली में सूर्य जहां होता है, उस भाव को वह शक्ति और तेज देता है। परंतु यदि सूर्य नीच का हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो उसका प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है।
???? सूर्य की शक्ति किन बातों पर निर्भर करती है?
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सूर्य किस भाव (House) में स्थित है
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सूर्य किस राशि (Sign) में स्थित है – उच्च (मेष) या नीच (तुला)
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सूर्य को कौन से ग्रह देख (aspect) रहे हैं
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सूर्य किन ग्रहों के साथ युति (conjunction) में है
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सूर्य की दशा / अंतरदशा चल रही है या नहीं
???? भाव अनुसार सूर्य का फल (Surya in 12 Houses in Hindi)
➤ 1st House (लग्न भाव) में सूर्य:
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यह स्थिति जातक को तेजस्वी, आत्मविश्वासी, नेतृत्व गुणों से युक्त बनाती है।
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स्वास्थ्य अच्छा रहता है, लेकिन अहंकार अधिक हो सकता है।
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पिता से अच्छे संबंध रहते हैं, परंतु कभी-कभी मतभेद भी हो सकते हैं।
➤ 2nd House (धन भाव) में सूर्य:
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वाणी में प्रभाव रहता है, लेकिन कठोरता हो सकती है।
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पिता के धन से लाभ होता है या पारिवारिक व्यवसाय से।
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दांत, आंख या गले की समस्याएं हो सकती हैं।
➤ 3rd House (पराक्रम भाव) में सूर्य:
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साहसी, निर्भीक और स्वतंत्र विचारों वाला बनाता है।
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लेखन, संचार, और पत्रकारिता में सफलता देता है।
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छोटे भाई-बहनों से संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं।
➤ 4th House (सुख भाव) में सूर्य:
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माता से मतभेद संभव है, पर सरकारी संपत्ति या वाहन से लाभ हो सकता है।
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घर का वातावरण गरम हो सकता है।
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सरकारी नौकरी या राजनीतिक सफलता की प्रबल संभावना।
➤ 5th House (बुद्धि / संतान भाव) में सूर्य:
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संतान योग्य और विद्वान बनाता है।
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जातक शिक्षित, रचनात्मक और निर्णयशील होता है।
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यदि सूर्य पीड़ित हो तो संतान में विलंब या समस्याएं संभव हैं।
➤ 6th House (शत्रु / रोग भाव) में सूर्य:
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शत्रुओं पर विजय दिलाता है।
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प्रशासनिक सेवा, सेना, पुलिस में सफलता।
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उच्च रक्तचाप या नेत्र संबंधी रोग की संभावना।
➤ 7th House (दांपत्य भाव) में सूर्य:
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जीवनसाथी से अहंकार या वर्चस्व की लड़ाई।
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अगर सूर्य शुभ स्थिति में हो तो राजनयिक या व्यवसायी सफल बनाता है।
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वैवाहिक जीवन में संतुलन आवश्यक।
➤ 8th House (आयु / रहस्य भाव) में सूर्य:
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गूढ़ विषयों, ज्योतिष, आध्यात्म और रिसर्च में रुचि।
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अचानक धन लाभ या हानि।
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पिता की आयु या संबंध में बाधा।
➤ 9th House (धर्म / भाग्य भाव) में सूर्य:
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भाग्यशाली, धार्मिक प्रवृत्ति, और पिता के साथ अच्छे संबंध।
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सरकारी क्षेत्र में भाग्य से उन्नति।
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उच्च शिक्षा या विदेश यात्रा संभव।
➤ 10th House (कर्म / व्यवसाय भाव) में सूर्य:
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श्रेष्ठ और प्रबल स्थिति। यह राजयोग निर्माण करता है।
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शासन, प्रशासन, राजनीति, अधिकारी पद में सफलता।
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समाज में प्रतिष्ठा और ऊँचा पद दिलाता है।
➤ 11th House (लाभ भाव) में सूर्य:
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उच्च पदस्थ लोगों से संपर्क से लाभ।
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अच्छी कमाई और बड़े सपने पूरे करने की क्षमता।
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बड़े भाई-बहनों से लाभ या सहयोग।
➤ 12th House (व्यय / मोक्ष भाव) में सूर्य:
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विदेश यात्रा या विदेश में बसने की संभावना।
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एकांतप्रियता, ध्यान, साधना की रुचि।
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कभी-कभी आंखों या सिर से संबंधित रोग।
☀️ सूर्य की राशियों में स्थिति (Surya in Rashis)
राशि | स्थिति |
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मेष | उच्च का सूर्य – अत्यंत बलशाली |
तुला | नीच का सूर्य – दुर्बल, अहंकारी |
सिंह | स्वगृही – राजसी स्वभाव, नेतृत्व क्षमता |
कर्क, धनु | शुभ फलदायक |
मकर, कुंभ | संयमी, परंतु कुछ सीमित फल |
???? संतान योग में सूर्य की भूमिका:
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पंचम भाव (5th house) संतान का मुख्य कारक होता है।
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यदि पंचम भाव में सूर्य स्थित हो और शुभ हो, तो संतान तेजस्वी और योग्य होती है।
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यदि सूर्य पाप ग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु) से पीड़ित हो, तो संतान में बाधा या गर्भपात का योग बन सकता है।
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महिलाओं की कुंडली में सूर्य की स्थिति विशेष ध्यान देने योग्य होती है।
???? यदि आप चाहते हैं कि मैं आपकी कुंडली में सूर्य और संतान योग का विशेष अध्ययन करूं, तो कृपया ये जानकारी दें:
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जन्म तिथि
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जन्म का समय (Exact Time)
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जन्म स्थान (City + State)
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लिंग (पुरुष/महिला)
या आप अपनी कुंडली का चित्र भी भेज सकते हैं, जिससे मैं सीधे उसका गहन विश्लेषण कर सकूं।
मैं बताऊंगा कि आपकी कुंडली में सूर्य कहां स्थित है, वह किन योगों का निर्माण कर रहा है, और आपके जीवन में संतान सुख, पद-प्रतिष्ठा और आत्मबल कितना प्रबल है।
अगर आप चाहें, मैं इसे PDF या रिपोर्ट के रूप में भी बना सकता हूँ।
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